मूल्यांकन की विशेषताएं [characteristics of evaluation in hindi]
- मूल्यांकन का क्षेत्र- व्यापक
- छात्र के सम्पूर्ण व्यक्तिव का अंकन किया जाता है।
- संसाधन की अधिक आवश्यकता – समय, श्रम, साधन तथा धन की।
- यह साध्य है यानी एक लक्ष्य
- इसमें तुलनात्मक अध्ययन होता है
- मूल्यों में परिवर्तन संभव है।
- इससे छात्र के भविष्य का अनुमान लगाया जा सकता है।
- प्रकृति – दार्शनिक
- निरंतर चलता है
- इसमें संख्यात्मक और मात्रात्मक दोनों की व्याख्या
- यह उद्देश्यों पर आधारित हैं।
- यह एक नवीन धारणा है।
- स्वरूप – प्राविधिक
- मूल्यांकन के द्वारा साक्ष्यों के निष्कर्ष निकाला जाता है।
सारांशात्मक / योगात्मक मूल्यांकन की विशेषताएं PDF
निर्माणात्मक/ रचनात्मक मूल्यांकन की विशेषताएं PDF (Formative Evaluation)
1. यह शिक्षण प्रक्रिया के दौरान किया जाता है।
2. इसमें प्रभावकारी फीडबैक की व्यवस्था है। जिससे कार्य सुधार का अवसर मिलता है।”
3. यह नैदानिक व उपचारात्मक है। इसमें शिक्षण के दौरान आवश्यकतानुसार शिक्षण विधियों व शिक्षण प्रक्रिया में सुधार किया जा सकता है।
4. विद्यार्थी को स्वयं सक्रिय रुप से शामिल होने का मंच प्रदान करता है।
5. इसमें विद्यार्थी की भूमिका बढ़ जाती है।
सैनेट्री ने इसे सूक्ष्म आकलन (Micro Assessment) कहा।
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